Saturday, April 9, 2011

सामूहिक चुदाई

साथियों,पिछली बार मैंने विवेक से क्रिसमस के दिन चुदवाया था.उसके बाद मैंने होली पर ऐसी चुदाई करवाई जिसकी स्टोरी आप लोग अवश्य सुनना चाहेंगे.होली के मौके पर मेरी भाभी मेरे वोर्किंग प्लेस पर आई थीं.मेरी भाभी भी बहुत रंगीन मिजाज़ हैं.मेरी उनकी बहुत पटती है.भाभी ने कहा ," रानी इस होली को यादगार बना दो." मैंने उनसे पूछा कि "आपको क्या पसंद है?"
भाभी  ने  कहा,"देखो रानी!,इस बार की होली दमदार होनी चाहिए ताकि ये हमेशा याद रहे."
मैं बोली,"आप जो कहिये वह आपको उपलब्ध करवाती हूँ.आप कहकर तो देखिये."
"सर्व प्रथम मुझे दारु चाहिए उसके बाद तुम्हारी चुत"भाभी ने मुझे चकित कर दिया
मैंने आश्चर्य से पूछा."चुत  आपके पास भी है फिर मेरी  चुत क्या करेंगी?"  "मैं तुम्हारे चुत की चटनी बनाकर खाऊंगी,कोई ऐतराज़?" "अरे नहीं भाभी मुझे भला क्या ऐतराज़ हो सकता है?मैं जानती हूँ कि आप मुझे मज़ा ही दिलावायेंगी ,मेरा कोई नुकसान  तो नहीं करेंगी."
    मैंने भाभी से कहा कि "मैं रम  की दो बोतल मंगवा देती हूँ,काम चल जायेगा न?"
भाभी ने कहा,"हाँ,काम चल जायेगा." मैं बाज़ार से भाभी के कहने के अनुसार मटन  और दारू ले आई,लेकिन मेरी समझ में ये नहीं आया कि दो लोगों के बीच ढाई  किलो मटन क्यों मंगवाई हैं.थोड़ी देर के बाद ये बात मेरी समझ में आ गयी.मैंने देखा  कि भाभी के पास दो लोग बैठे हैं.मेरा दोस्त विकास भी आने वाला था.मैंने नौकरानी को मटन बनाने को कहा. तब तक विकास भी आ गया.तीन मर्द और दो औरतें ड्राइंग रूम में बैठकर हमलोग  दारू पीने लगे.भुने हुए काजू,नमकीन आदि मज़े को दुगुना कर रहे थे. उन लड़कों के नाम थे करीम और महेश.  मैंने भाभी  से कहा ,"क्या भाभी,आज तो लग रहा है आप घर से  ही तैयारी करके आई हैं.  ग्रुप सेक्स का इरादा बनाकर आई हैं."
"हाँ इसीलिए मैं कह रही थी कि इस होली को यादगार बना दो"
करीम बोला,"रानी जी,आपकी भाभी ने मुझसे आपकी खूबसूरती के बारे में जैसा बयान किया था आप बिलकुल वैसी ही हैं.इन्होने आपकी चुत की बड़ी तारीफ़ की है .अब देखना है कि चुत खरी उतरती है या नहीं."
"एकदम मस्त है यार.ये बहुत कम चुदवाती है न.दूसरे ये कोई एक्सरसाइज़ भी करती है जिससे इसकी चुत का कसाव बरक़रार रहता है."
महेश बोला,"इसमें सस्पेंस की कौन सी बात है,अंदाजा लगाने की क्या ज़रुरत है?.अभी देख लेते हैं." 
और महेश ने मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया.नीचे मैंने पैंटी नहीं पहना था. मेरी चुत नंगी हो गयी.
महेश बोला,"वाकई यार!गज़ब की कसी हुई चुत है."
इसी के साथ सब लोग अपने अपने कपडे निकल  दिए. मैं करीम का लंड चूसने लगी,भाभी विकास का लंड चूस रही थी,महेश मेरी चुत चूसने लगा.करीम सोफे पर बैठा था.मैं झुक कर उसका लंड अपने मुंह में ले रही थी.झुकी होने की वजह से पीछे से मेरी चुत का मुंह खुला था.जिसको महेश चाट चाट कर एकदम गीली कर चुका था.मैं महेश का लंड देख नहीं रही थी उसने पीछे से अपना लंड मेरी चुत के बिल में घुसा दिया मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी. उसका लंड मेरे स्टैण्डर्ड और  अंदाज़े से ज्यादा मोटा और लम्बा था.मैंने लगभग चिल्लाकर कहा  कि जल्दी लंड निकालो मेरी चुत बर्बाद हो जाएगी.मैं इतने मोटे लंड से नहीं चुदवाती हूँ.लेकिन दोस्तों! आप तो जानते ही होंगे कि जब लंड को चुत और चुत को लंड मिल जाये फिर किसकी कौन सुनता है.अभी तक मैं बहुत मोटे और लम्बे लंड से नहीं चुदवाई थी.किन्तु जब ८ इंच का लंड चुत में घुस गया फिर तो चुदवाना ही था.उधर भाभी विकास का लंड चूसते चूसते थक गयी तो बोली,"अब मैं चुदवाना चाहती हूँ.कौन मेरी चुत लेगा पहले?" विकास ने कहा,"भाभी मैं तुम्हारी चुत में लंड डालूँगा सबसे पहले."
   "चलो फिर लेट जाओ." और विकास अपना लंड खडा करके बिस्तर पर लेट गया.भाभी ने विकास के ऊपर जाकर अपनी चुत को फैलाया और लंड को अपनी चुत में घुसा लिया.जाबी भाभी धक्के लगाने लगी तो मैं उनकी ताकत देखकर  हैरान रह गयी.क्या गपागप की आवाज़ आ रही थी ! वाह भाभी वाह!
   करीम ने कहा, "रानी,अब लंड को अपनी बिल दिखाओ इसको अब बिल चाहिए." मैं बोली,"अरे यार ,महेश तो पीछे से पेल ही रहा है." 
"तो गांड में ही घुसाने दो."
"नहीं , मैं गांड नहीं मरवाती हूँ."
भाभी हमलोगों की बातें सुन रही थी. वे बोली,"करीम जी,मेरी गांड में अपना लंड पेल दो न.मेरी गांड का छेद पीछे से खुला भी है."
करीम को  मानो मुंह मांगी मुराद मिल गयी भाभी ने उछलना थोडा सा बंद किया और करीम ने भाभी  की गांड में अपना लंड घुसा दिया और भाभी की कराह निकल गयी किन्तु थोड़ी ही देर में भाभी मज़े ले लेकर अपने  दोनों छेदों को आनंदित कर रही थीं. मुझको नशा चढ़ा हुआ था और महेश  का लंड मेरी चुत का बाजा बजा रहा था.चूँकि मैं चुदाई कम करवाती हूँ इसलिए चुदवाते वक़्त मुझे बहुत मज़ा आता है.करीब बीस मिनट चोदने के बाद महेश का पानी निकलने वाला था इस दौरान मैं तीन बार झड चुकी थी. तब वो बोला,"रानी,कहाँ गिराना है?" मैं बोली,"चुत में ही झड जाओ मेरी जान,जो होगा देखा जायेगा."
      उधर भाभी चीख  रही थीं ,"पेलो... फाड़ दो मेरी चुत और गांड दोनों को,
  चोदो और जोर से चोदो.हाय!मैं आ गयी आह....ऊह्ह......ओह्ह.....सी .....आह..  करीम ने अपना पानी भाभी की गांड में उड़ेल दिया.और लंड निकल कर खुद सोफे पर बैठ गया.तभी नौकरानी आ गयी और बोली कि  खाना तैयार हो गया है.लेकिन वो तुरंत वापस जाने लगी तब तक मैं भी चुदवा चुकी थी मैं भी सोफे पर बठी थी.मैंने नौकरानी को बुलाकर कहा,"गुड्डी,मेरे पास आओ".वो साड़ी पहनी थी.मैंने उसे अपने सामने बैठने को कहा और उससे पूछा,"हम लोगों के इस प्रोग्रामे में शामिल होगी?"
उसने शरमाते हुए अपनी साड़ी के पल्लू का कोना दांतों से दबा लिया. मैंने कहा,"शरमाओ मत,क्या तुम्हारा आदमी तुम्हे ठीक से चोद पाता है,कितने दिनों पर चुदवाती हो?"इसी दरम्यान मैंने उसकी साड़ी  खींचकर निकाल दी और वह  ब्लाउज व पेटीकोट में आ गयी वो बोली,"क्या बताऊँ  बीबी जी,शर्म आती है मुझे." मैंने उसका पेटीकोट भी निकल दिया अब वोह सिर्फ ब्लाउज पहने हुए थी.मैं उसकी चिकनी चुत को सहलाने लगी.उसका चेहरा एकदम लाल हो गया और मैंने देखा कि उसकी चुत भी गीली हो गयी.भाभी ने कहा,"चलो रानी,खाना खा लिया जाये तब फिर चुदाई चालू किया जायेगा." सभी ने इस बात का समर्थन किया.गुड्डी अपना पेटीकोट पहनना चाह रही थी मैंने उसको न सिर्फ मना किया बल्कि उसका ब्लाउज भी खोल दिया और कहा."कोई भी अपने कपडे नहीं पहनेगा सभी लोग नंगे ही खाना खाएंगे.सभी लोगों ने एक एक पेग दारू पिया और मटन खाकर बिस्तर पर आकर आराम करने लगे.मैंने डी वी डी पर एक ब्लू फिल्म लगा दिया. गुड्डी भी हम लोगों के साथ साथ थी.मैंने उसको अपने पास ही बिठाया था और फिल्म में चुदाई के दृश्यों को देखकर सभी लोग गरम होते जा रहे थे.मैं गुड्डी की चुचियों को और उसकी चुत को मसल रही थी.इन चीज़ों से गुड्डी की बुर लंड खाने के लिए बेताब हो रही थी.उसने मुझको  जकड लिया और मेरे कान में फुसफुसाकर बोली,"बीबी जी अब रहा नहीं जा रहा है मुझसे.किसी को कहिये न! आकर मेरी चुत की गर्मी निकाल दे."मैंने उससे कहा'"जो तुम्हे पसंद हो उसको बोल दो.वैसे तो सब लोग तुम्हे चोदना चाहेंगे लेकिन यह तुम्हारे ऊपर  है कि तुम किससे पहले मरवाती हो?गुड्डी ने तीनों के खड़े लंडों का मुआयना किया और करीम की तरफ अंगुली उठा दिया.करीम गुड्डी के पास आ गया और चुम्बन आदि लेने लगा.चुत सहलाते हुए बोला,"कुंवारी हो क्या गुड्डी?" गुड्डी ने कहा,"नहीं मेरी शादी हुए दो साल हो गए लेकिन दो सालों में सिर्फ आठ बार चुदी हूँ वो भी केवल तीन इंच के लंड से. आप ही बताइये इस जवानी में दो साल की अवधि में आठ बर्ताबा चुदवाने से  इस चुत का क्या बिगड़ेगा.?"
   करीम  ने कहा  कि, "मेरा लंड तो सात इंच का है.इससे तुमको बहुत मज़ा आयेगा." गुड्डी मदहोश सी होने लगी.करीम के लंड से खेलने लगी. और उसे सहलाने भी लगी.करीम ने मुझे इशारे करके बुलाया.मैंने उसके पास आकर पूछा,"क्या बात है करीम मियां?"करीम बोला ,मैं गुड्डी से अपना लंड चूसने को कह कह सकता हूँ कि नहीं?" मैंने गुड्डी की चुत को अपने हाथों से सहलाते हुए उससे कहा, "क्यों री! चुत तो तुम्हारी गीली हो चुकी है.लंड चूसना है?" ब